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मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

******" महामण्डमल ब्रोचर"

महामण्डल की आस्था : म 
  • कोई राष्ट्र इसलिए महान और अच्छा नहीं होता कि वहाँ की पार्लियामेन्ट ने यह या वह बिल पास कर दिया है, वरन इसलिए होता है कि उसके नागरिक महान और अच्छे (चरित्रवान) हैं. (वि० सा० ख० ४/२३४)  
  • मनुष्य,केवल ' मनुष्य ' भर चाहिए. बाकी सबकुछ अपने आप हो जायगा.इसीलिए पहले 'मनुष्य' तैयार करो. (५/११८)  
  • उनको (श्री रामकृष्ण को )ठीक-ठीक जान लेने से  'मनुष्य ' तैयार होंगे. और जब ऐसे मनुष्य (सच्चे मनुष्य)  तैयार हो गये, तो दुर्भिक्ष (या भ्रष्टाचार ) आदि को इस देश से दूर करना फिर कितनी देरकी बात है? (८/२५१)  
  •   जिस शिक्षा से हम अपना जीवन-निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सकें उन शिक्षाओं को  हमें आत्मसात करना होगा.  (५/१९५)  
  • ' अतः पहले हमें चरित्रवान होना चाहिए ' - यही सबसे बड़ा कर्तव्य है, जो हमारे सामने है ! (७/२५८)
  •  (चरित्रशील- मनुष्य ) ' बनो और बनाओ ' ( Be and Make ) यही हमारा ध्येय-मन्त्र  (Motto) हो . (९/३७९)
  •  'जब सिर ही नहीं है, तो सिर में दर्द कैसा ?' (प्रबुद्ध) जनता कहाँ है?...इसीलिए सबसे अच्छा यही है कि हम भविष्य की आशा रूप अपने युवकों के बीच धैर्यपूर्वक, दृढ़ता से चुपचाप काम करें. (६/३१०) 
  •  यदि भारत को महान बनना है, उसका भविष्य उज्ज्वल बनाना है, तो इसके लिए आवश्यकता है एक मजबूत ( केन्द्रीय ) संगठन की, सारा रहस्य है ' शक्ति का संचय '; जो बिखरी हुई इच्छाओं में समन्वय लाने से प्राप्त होती है.  (५/१९२)
  •   हमें ( केन्द्रीय ) संगठन को दृढ प्रतिष्ठ और उन्नत बनाना होगा, अतः जैसी भी परिस्थिति हो अकेले नहीं, ' संघबद्ध ' होकर आगे बढ़ो ! (३/३३२)           
स्वामी विवेकानन्द जी के ऐसे ही विचारों से प्रेरणा लेकर,१९६७ ई० में 'अखिल भारत विवेकानन्द युवा महामंडल' की स्थापना कोलकाता में हुई। आज देश के विभिन्न राज्यों में इसकी ३०० से अधिक शाखाएँ हैं। 

 इसके सदस्यों को न तो गृह त्याग करना है,न अपना अध्ययन ही छोड़ना है,और न अपने दैनंदिन जीवन के अन्य दायित्वों का ही त्याग करना है। उन्हें केवल अपनी अतिरिक्त उर्जा, समय और यदि संभव हो सके तो कुछ धन देना होता है.
महामण्डल का अपील एवं दृष्टिकोण सार्वभौमिक है, यह धर्मों में सद्भाव एवं राष्ट्रीय एकता स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसीलिए महामण्डल में धर्म, भाषा, जाति, संप्रदाय आदि के आधार पर, मनुष्यों में कोई भेद-भाव नहीं किया जाता है.   
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उद्देश्य और कार्यक्रम :
  • महामण्डल का उद्देश्य है भारत का पुनर्निर्माण. 
  • देश में हर जगह निष्कपट, ईमानदार, और देशभक्त युवाओं की एक बड़ी संख्या, खुद को इस काम के लिए समर्पित करने को उत्सुक हैं. महामण्डल उन युवाओं को उत्साहित और एकजुट    ( संघबद्ध ) करना चाहता है.
  • महामण्डल चाहता है कि युवा आत्मविश्वासपूर्ण हों, ताकि अपने जीवन की समस्याओं का सामना अच्छी तरह से करने के साथ-साथ, वे देश कि समस्याओं का सामना करने में भी समर्थ बन सकें.
  • समस्त देशवासियों का भला करने के लिए, स्वयं यथार्थ मनुष्य बनने के साथ ही दूसरों को भी इस संबंध में मदद करना महामण्डल का उद्देश्य है. अतः ' Be and Make ' - सच्चा मनुष्य ' बनो और बनाओ ' के ध्येय-मन्त्र (motto) को सामने रख कर एक देशव्यापी युवा-आन्दोलन संगठित करना महामण्डल का लक्ष्य है
  • एक श्रेष्ठतर-समाज निर्माण के लिए यथायोग्य मानव सामग्री   ( Proper Human Material ) की कमी ही, हमारे देश के समस्त समस्याओं की जड़ है. अतः'Man-Making ' या "मनुष्य-निर्माण " ही इसका मौलिक समाधान है. और यही हमारा कार्य-क्षेत्र है, जिसे अभी तक सबों ने उपेक्षित ही छोड़ रखा है.
  • समाज के सभी क्षेत्रों में, बड़ी संख्या में चरित्रवान मनुष्यों की आवश्यकता है. केवल ऐसे ' मनुष्य ', ही समाज में मौलिक परिवर्तन ला सकते हैं; भले ही वे संख्या में अल्प भी क्यों न हों. 
कार्यकलाप :
महामण्डल की विभिन्न इकाइयों द्वारा किए जाने वाले क्रियाकलाप :शारीरिक व्यायाम, विवेकानन्द युवा पाठ-चक्र (Vivekananda Youth Study Circle), निःशुल्क कोचिंग वर्ग, साक्षरता कार्यक्रम, दातव्य औषधालय सह चिक्तिसा-केन्द्र, कुटीर उद्द्योग, छात्रावास, बच्चों के लिए एकीकृत विकास योजना (विवेक वाहिनी), निर्धन व्यक्तियों की सहयता, प्राकृतिक आपदाओं के समय एवं बाद में राहत पहुँचाना, रक्त दान शिविर, तथा अन्य प्रकार के समाज-सेवा मूलक कार्य भी किये जाते हैं. 

महामण्डल शैक्षिक संस्थानों में सार्वजनिक बैठक, सेमिनार, भाषण-प्रवचन और युवा प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है. जहाँ प्रतिभागियों को आत्म विकास के ठोस उपायों के साथ, आत्म मूल्यांकन के रूप में व्यक्तिगत प्रगति का आकलन करने के लिए, मानसिक एकाग्रता की विधि के साथ-साथ  स्व-परामर्श (Auto-Suggestion) की विधि का प्रशिक्षण भी दिया जाता है.

महामण्डल का वैशिष्ट्य :
  • युवा लोग जहाँ कहीं एकत्रित होते हों, महामण्डल वहीँ पहुँच कर उनके साथ कार्य करता है. 
  • युवाओं में सकारात्मक जीवन-दृष्टि जाग्रत करने,एवं निश्चित जीवन-लक्ष्य प्रदान करने के लिए महामण्डल उनके मन पर कार्य करता है.
  • जिस तरह से वे समझ सकते हैं, यह उसी तरीके से उनके साथ वार्ता करता है. 
  • महामण्डल द्वारा संरचित प्रशिक्षण कार्यक्रम में, सिर ' Head '(बुद्धि-बल), हाथ ' Hand ' (बाहु-बल), और दिल ' Heart ' (प्रेम-बल)- ' 3H ' के सामंजस्यपूर्ण विकास का ध्यान रखा जाता है.
  • राष्ट्रीय पुनर्निर्माण की जिस योजना को स्वामी विवेकानन्द ने युवाओं के समक्ष रखा था उसे साकार करने तथा मानव जीवन की महान संभावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए महामण्डल युवाओं का आह्वान करता है.   
 प्रकाशन :
महामण्डल के विचारों और पद्धतियों के उपर, अंग्रेजी, हिन्दी, बंगला, उड़िया और तेलगु भाषा में लगभग १०० पुस्तकें, पुस्तिकाएँ एवं ऑडियो-कैसेट्स उपलब्ध हैं. 


महामण्डल अपने रजिस्टर्ड ऑफिस से देश के युवाओं में (सकारात्मक जीवन-दृष्टि) ' विवेक ' जाग्रत करने, एवं विभिन्न केन्द्रों द्वारा संचालित गतिविधियों में समन्वय स्थापित करने के लिए- १९६८ ई० से एक द्विभाषी (अंग्रेजी और बंगला ) मासिक मुखपत्र " VIVEK-JIVAN " प्रकाशित करता आ रहा है. 

  " विवेक अंजन " महामण्डल के द्विभाषी मासिक मुखपत्र :"Vivek- Jivan" का हिन्दी संस्करण है, जिसे त्रैमासिक पत्रिका के रूप में 'झुमरीतिलैया विवेकानन्द युवा महामण्डल ' का प्रकाशन कार्यालय Tara Niketan, Bishunpur Road, P.O. Jhumritelaiya, Dist: Koderma, (झाड़खण्ड)PIN: 825409 द्वारा प्रकशित किया जाता है. पत्रिका का वार्षिक सदस्यता शुल्क ५०/= रुपया (डाक-खर्च सहित) है. 
एक अपील :
हम उन सभी विचारशील युवाओं से,जो स्वामी विवेकानन्द के नेतृत्व में आस्था रखते हैं, जो अपने जीवन-शक्ति का सबसे अच्छा उपयोग करना चाहते हैं,और भारत की साधारण जनता को उन्नत करने कार्य में खुद को समर्पित करना चाहते हैं, से अपील करते हैं कि वे भारत को पुनर्जीवित करने के लिए आगे आयें,और महामण्डल के युवा आंदोलन में शामिल हों.

संपर्क स्थान :
पंजीकृत कार्यालय :
'BHUBAN-BHAVAN'
P.O. Balram Dharma Sopan
Khardah, North 24 Parganas, West Bengal,
India, PIN- 700116 
  
शहर कार्यालय :
6/1A, Justice Manmatha Mukherjee Row,
Kolkata- 700009
Phone : +91 33 2350-6898, 2352-4714
E-mail : abvymcityoffice@gmail.com

प्रशिक्षण केन्द्र :
Mahamandal Bhavan
77 H, Criper Road (Indira Gandhi Sarani),
Konnagar, Dist- Hoogly, West Bengal.
PIN - 712235


नोट :
कृपया पत्र-पार्सल, मनीआर्डर आदि पंजीकृत कार्यालय के पते पर ही भेजें.मनीआर्डर भेजते समय उसके कूपन पर अपना नाम और पूरा पता, तथा पैसे भेजने का उद्देश्य भी लिखें. यदि आप इलेक्ट्रौनिक मनीआर्डर भेज रहे हों, तो पूरा विवरण एक पोस्ट-कार्ड पर लिख कर अलग से भेज दें. 

व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क करने के लिए, किसी कार्य दिवस पर संध्या ६ से ८ बजे तक कृपया ' शहर कार्यालय ' में (पंजीकृत कार्यालय में नहीं) पधारें.

सारदा नारी संगठन, महामण्डल का ( बहनों के लिए ) एक ' Sister Organization ' है, जो महामण्डल की भावधारा के अनुरूप, किन्तु स्वतंत्र रूप से वर्ष १९८९ से कार्यरत है. वर्तमान में इस संगठन के ५० केन्द्र हैं. विशेष जानकारी के लिए कृपया निम्न पते पर सम्पर्क करें :
The Secretary,
Sarada Nari Sangathan.
Vill. Balibhara, P.O. Nabanagar,
Dist. North 24 Parganas, West Bengal- 743136
or Call (0333) 2588-3441       
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महामण्डल द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की तस्वीरें :
विवेक-अंजन 
 महामण्डल के द्विभाषी मासिक मुखपत्र :"Vivek- Jivan" का हिन्दी संस्करण है, जिसे त्रैमासिक पत्रिका के रूप में 'झुमरीतिलैया विवेकानन्द युवा महामण्डल ' द्वारा प्रकाशित किया जाता है, एवं इसका  वार्षिक सदस्यता शुल्क ५०/= रुपया (डाक-खर्च सहित) है.
प्राप्ति स्थान :
सम्पादक 
' विवेक अंजन ' त्रैमासिक पत्रिका 
प्रकाशन कार्यालय
झुमरी तिलैया विवेकानन्द युवा महामण्डल
' तारा टावर ' 
पो: झुमरीतिलैया 
 जिला- कोडरमा (झाड़खण्ड)
India. PIN - 825409 
E-mail : singhbijay50@gmail.com
or Call : 09386699949 , 09835565817 ,09905129104

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