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सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

श्री नवनीहरण मुखोपाध्याय के पत्र : (33-36)'Started Study Circle in Phulwaria'

[33]
(Postcard)
19 August 1992
My dear Saudip,  
                            Received your report dated 9.8.92 , Glad to know about work going in Jhumri Telaiya, Janibigha and Phulwariya. 
                          There is nothing special till you (....write...?) Hope participation at the State-Level youth training camp will be good.  
     Love to you all, 
Yours Affectionately

Nabaniharan Mukhopadhyay 

P.S. In the letter head it is not wise to format the name in contraction, such as J.T.V.Y. Mahamandal. It carries no meaning.  
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[34]
3/10/91
प्रिय जितेन्द्र , 
                        तुम्हारा २४ / ९/९१ का पत्र हमें मिला। इस से फुलवरिया में पाठचक्र की शुरुआत की खबर जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई। यह भी बहुत आनन्द की बात है कि वहाँ के शिक्षक लोग भी इसमें सहायता कर रहे हैं। वहाँ का रिपोर्ट नियमित रूप से भेजने का प्रयास करना। 
                      झुमरीतिलैया में काम की गति अच्छी है, सुनकर ख़ुशी हुई है। नया कैसेट जो बंगला में है, उसका हिन्दी अनुवाद हमें मिलने से वैसा हिन्दी में भी बनाया जा सकता है। 
            
        सबको मेरा प्यार देना - 
श्रीनवनीहरण मुखोपाध्याय 
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[35]
1/11 /91 
कल्याणीय जितेन्द्र , 
                        25 /10 के खत के साथ सदस्यता आवेदन पत्र की कॉपी मिली है। बुकस्टाल और दूसरे कामों का खबर पाकर ख़ुशी हुई। 
               " आदर्श और उद्देश्य " का कैसेट बंगला में हुआ है, उसका हिन्दी कैम्प के पहले करना चाहता हूँ। विजय को लिखा था उसका हिन्दी अनुवाद के लिए , हो सकता है क्या ? "एकटी युव आन्दोलन ' पुस्तिका से चुने हुए शब्द उसमें हैं। 
       
                कुशल चाहता हूँ -
नवनीहरण मुखोपाध्याय 
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[36] 
8.12.92 
My dear Vijay, 
                         Hope everything is fine there . It has been a long time that we have not heard anything from you. You must be preparing for the All India Camp .            
  The stock of Hindi version of 'Leadership' has come down. Please bring with you 100-200 copies of the book. Janibigha boy wrote recently. But no other information from others. 
              I am little better now. Hope to meet you ... at the camp. With love and blessing.
Yours Affectionately
Nabanida 
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