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रविवार, 23 फ़रवरी 2020

श्री नवनीहरण मुखोपाध्याय के पत्र : (27-28) स्वामीजी की इच्छा , उनकी शक्ति क्या हमलोगों के साथ काम नहीं करती है? फिर कैसे नहीं होगा ?"How many are there to work with me?"

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Registered Office:
Bhuban Bhavan
P.O. Balaram Dharma Sopan
Khardah, North 24-Parganas (W.B)
Pin Code 743121
5 December 1991
स्नेहभाजन विजय, 
                         तुम्हारी २ दिसम्बर की खत अब ही मिली। कैसेट का हिन्दी अनुवाद कल मिला। "स्वामीजी के विचार " शीर्षक कैसेट बन गये हैं। कैम्प में मिलेंगे। " आदर्श और उद्देश्य " के ऊपर भी कैसेट बनकर तैयार हो जायेगा। पर उसमें और भी कुछ बातें हैं। आजकल ऐसी व्यस्तता चल रही है कि चिट्ठी लिखने का भी समय नहीं मिलता है। 
                        तुम लोगों के लिए कैम्प का आवेदन-पत्र कल भेज दूँगा। हिन्दी स्पीकर के तौर पर केवटजी यदि कैम्प में नहीं आ रहे हैं, तो कोई बात नहीं। तुम थोड़ा प्रस्तुत रहोगे। अगर इसी दौरान हिन्दी में बोलने वाला न मिला तो तुमको बोलने की जरूरत हो सकती है।
                      'Leadership' के हिन्दी अनुवाद को पुस्तक के रूप में कब तक प्रकाशित कर सकोगे - उसके बारे में कुछ तो और बताया नहीं ? 
                        निराश होने का कोई कारण नहीं है।  अगर मेरी अवस्था के विषय में सोंचोगे तो क्या देखोगे ? प्रकाश कहीं भी नहीं है। पर अँधरे से घिरा हुआ रहकर भी कितने उत्साह और तेज के साथ कार्य करता जा रहा हूँ। इस कार्य में सहृदयता कितनी मिलती है ? मेरे साथ साथ कार्य करने वाले कितने हैं ?   
                         उत्साह ! उत्साह ! और विश्वास ! सफलता में हार्दिक विश्वास रखो !  क्या नहीं होगा? सब कुछ होगा ! होना ही है ! स्वामीजी की इच्छा , उनकी शक्ति क्या हमलोगों के साथ काम नहीं करती है? फिर कैसे नहीं होगा ? सफलता नहीं मिले, ऐसा हो नहीं सकता है ! 
    
              आशीर्वाद 
नवनीदा  
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Registered Office:
Bhuban Bhavan
P.O. Balaram Dharma Sopan
Khardah, North 24-Parganas (W.B)
Pin Code 743121
 22.4.1992 
Reference No : VYM/92-93/ 44 

प्रीतिभाजन सतीश, 
                              यूनिट के सचिव को पत्र संख्या VYM/92-93/ 44 dated 22.4.1992 लिखने के बाद तुम्हारी चिट्ठी मिली। और वार्षिक कार्य-विवरणी के साथ आय-व्यय का हिसाब भी मिला। 
                            'xyz' ने किस कारण से सदस्यता से भी पदत्याग कर दिया समझे नहीं। उनके यहाँ अलग से पाठचक्र चल रहा है, यह तो बहुत अच्छी बात है। 
                           नवयुवक लोग आ रहे हैं, और पदाधिकारी भी बन रहे हैं, यह भी अच्छा है। परन्तु महामण्डल के हाल (হাল -पतवार) को ठीक से पकड़ने के लिए, तुम जैसे कुछ अंग्रेजी लिखने -पढ़ने वाले व्यक्ति भी रहने जरुरी हैं। 
                              काम तेजी से चल रहा है , और पुस्तकालय भी जनप्रिय हो रहा है, जानकर मुझे बड़ा सन्तोष हुआ। 
        
                       सबको मेरी शुभकामनायें और प्यार पहुँचे - 
तुम्हारे 
श्रीनवनीहरण मुखोपाध्याय 
पुनश्च : -
       १. जी .....  को उनके काम के विषय में रिपोर्ट भेजने को कहना। 
       २. तुम्हारी चिट्ठी में उपयुक्त postage नहीं था, bearing होकर आया। 
       ३. अगले वर्ष का account , audit करना अच्छा होगा। 
न ० मु ०         
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