प्रस्तावना
हिन्दी भाषी पाठकों के लिए मूल बांग्ला पुस्तक ' जीवन नदीर बाँके बाँके ' का हिन्दी में अनुवाद - " जीवन नदी के हर मोड़ पर " प्रस्तुत करते हुए विषेश आनंद हो रहा है। पूज्य नवनीदा का जन्म इतिहास-प्रसिद्द
" काशीपुर उद्द्यान भवन " से अति निकट स्थित, भगवान श्रीरामकृष्ण परमहंस देव के भक्त
श्री महिमाचरण चक्रवर्ती महाशय के " गृह न० -१००, काशीपुर रोड " में हुआ था। उस घर में स्वामी विवेकानन्द भी जाया करते थे। (शायद इसीलिये) जैसे कुतुबनुमा की सुई सदा उत्तर की ओर ही रहती है, वैसे ही पू० नवनीदा का मन सब समय स्वामी विवेकानन्द द्वारा प्रदत्त भारत- पुनर्निर्माण सूत्र - 'BE AND MAKE' "मनुष्य बनने और दूसरों को मनुष्यत्व प्राप्त करने में सहायता करने " के लक्ष्य पर ही टिका रहता है।
उनके मुख से निसृत उनके अतीत जीवन की घटनाओं ने हजारों युवाओं को महामण्डल के निर्देशन में विगत ४९ वर्षों से चलाये जा रहे देश-व्यापी चरित्र-निर्माणकारी आन्दोलन
से जुड़ जाने के लिये अनुप्रेरित किया है। पूनवनीदा के इस ' आत्मस्मृति
मूलक ग्रन्थ ' में - महामण्डल के आविर्भूत होने
के पूर्व की तथा बाद की ऐसी अनेकों बहुमूल्य बातें हैं जिनके बारे में
हममें से अधिकांश लोग अभी तक अपरिचित हैं। अगर झुमरीतिलैया विवेकानन्द
युवामहामण्डल के कुछ बन्धुओं द्वारा उसका अनुवाद हिन्दी में न किया गया
होता, तो हिन्दी पाठकों की बहुत बड़ी संख्या उसके पढ़ने से वंचित रह जाती ।
अपने सभी नये और पुराने महामण्डल कर्मी एवम् राष्ट्रहित-चिंतक इस '
आत्मस्मृति मूलक डायरी ' को पढेंगे तो उन्हें पू. नवनीदा के जीवन से न केवल
प्रेरणा मिलेगी अपितु आज की देश की जटिल परिस्थितीयों में 'भारत माता को
पुनः उसके गौरवशाली सिंहासन पर बैठाने ' के प्रति अपने कर्तव्य का
दिशा- निर्देश भी प्राप्त हो सकेगा।
ऐसे उत्तम ग्रंथ को हिन्दी में अनुवादित करने और प्रकाशित करने की अनुमति
देने के लिये महामण्डल के वरिष्ठ भ्राता पू.रणेनदा, पू. वीरेनदा,
पू.दीपकदा को अनेकानेक धन्यवाद।
- विजय सिंह
अध्यक्ष, झुमरीतिलैया विवेकानन्द युवा महामण्डल
[नोट : पाठकों की सुविधा के लिये पू.नवनीदा के मुख से निसृत और प्रेरणादायी इस '
आत्मस्मृति मूलक डायरी ' में अलग अलग घटनाओं के वर्णन के हिसाब से शीर्षक भी डाल दिया गया है। -प्रकाशक ]
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४९ वां वार्षिक अखिल भारतीय युवा प्रशिक्षण शिविर - २०१५
शायंगकालीन-सत्र के कार्यक्रम -२०१५
२५ दिसंबर : ४-५० pm : उदघाटन - स्वामी बोधसारानन्द जी महाराज ,
संस्कृत में वक्तृता: स्वामी वेदतत्वानन्दजी महाराज, प्रधानाचार्य, वेद विद्यालय
रामकृष्ण मठ, बेलुड़।
हिन्दी में भाषण : श्री अजय अग्रवाल (झुमरीतिलैया, झारखण्ड)
उड़िया में भाषण : श्री रमेश चन्द्र भद्र (भुवनेश्वर)
बंगला में भाषण : श्री अनूप दत्त (चकदह , नदिया )
६-३० बजे शाम के भाषण
२६ दिसम्बर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,; श्री वीरेन्द्र कुमार चक्रवर्ती, सचिव ; अखिल भारत विवेकानन्द युवा महामण्डल
विषय: अंतरराष्ट्रीय शांति सुनिश्चित करने में स्वामी विवेकानंद के विचार ।
२७ दिसम्बर ....... ...... ... : स्वामी वेदातीतानन्द जी महाराज, रामकृष्ण मिशन, सारदापीठ शिल्प मंदिर, बेलुड़
विषय : तकनीकी शिक्षा पर स्वामी विवेकानंद के विचार
२८ दिसम्बर ........... .......... : श्री सोमनाथ बागची (उत्तरी कोलकाता विवेकानन्द युवा महामण्डल )
विषय : स्वामी विवेकानन्द का युवाओं को आह्वान (बंगला )
२९ दिसम्बर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,: स्वामी बलभद्रानन्द जी महाराज, उप सचिव, रामकृष्ण मिशन, एवं संरक्षक (ट्रस्टी) रामकृष्ण मठ, बेलुड़।
विषय : स्वामी विवेकानन्द का कर्मयोग-दर्शन। (इंग्लिश)
३० दिसम्बर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,: समापन सत्र - अध्यक्ष ,श्री नवनीहरन मुखपाध्याय,
मुख्य अतिथि : स्वामी सुवीरानन्द जी महाराज, सहायक सचिव , रामकृष्ण मिशन एवं ट्रस्टी रामकृष्ण मठ, बेलुड़।
* दैनन्दिन आरात्रिक भजन संध्या ६ pm
* विविध कार्यक्रम संध्या ७-३० से ८-४५ pm
* प्रदर्शनी एवं पुस्तक विक्रय केन्द्र
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