Friday, July 22, 2022

$$$卐🙏 परिच्छेद- 106 [ (22 फरवरी, 1885) श्रीरामकृष्ण वचनामृत- 106 ]🔆🙏कीर्तनानन्द में भी, श्रीरामकृष्ण का नरेन्द्र के प्रति विशेष प्रेम🔆🙏 🙏'माँ', समाधि मन्दिर में अकेली बैठी हुई तुम कौन हो ?🙏🔆🙏"नदे टलमल करे , गौर प्रेमेर हिल्लोले रे।" 🔆🙏🔆🙏श्री रामकृष्ण अपने जन्मोत्स्व के दिन भक्तों के साथ वार्तालाप करते हुए 🔆🙏卐🙏नरेन्द्र आत्मा का स्वरुप है, आकारहीन सिंह -गर्जन है, अखंड के घर का है, लेकिन जगत में आकर उसे भी शक्ति (अवतार) को मानना पड़ेगा !卐🙏卐🙏`वेदान्तडिण्डिमः ~"ब्रह्म सत्यं जगन्मिथ्या !" 卐🙏 🔆🙏नरेंद्र के गीत -'निबिड़ आंधारे माँ तोर चमके अरूप-राशि'और श्री रामकृष्ण🔆🙏 🔆🙏नरेन्द्र को शिक्षा - "भाई, द्वैत से परे रहो "🔆🙏卐🙏गृहस्थ तथा दानधर्म । मनोयोग तथा कर्मयोग卐🙏卐🙏गृहस्थ को कामिनी- कांचन में आसक्ति का त्याग करना चाहिए卐🙏 卐🙏तंत्र में महाकाली का ध्यान - गहरा अर्थ 卐🙏 卐🙏 श्री रामकृष्ण क्या अवतार हैं - परमहंस अवस्था卐🙏卐🙏अवतारी महापुरुष की कृपा से -मैं क्या था, क्या हुआ हूँ !卐🙏卐वेदान्तडिण्डिमः- डरो मत ! 🙏卐🙏 राम नाम का रहस्य 卐🙏

  परिच्छेद १०६. (१)   [ (22 फरवरी, 1885)  श्रीरामकृष्ण वचनामृत- 106 ] 🔆🙏 कीर्तनानन्द में भी, श्रीरामकृष्ण का  नरेन्द्र के प्रति विशेष प्रे...