सोमवार, 6 सितंबर 2021

🔆🙏$$$$$🔆🙏 [परिच्छेद ~ 93, [(26 सितंबर,1884) श्रीरामकृष्ण वचनामृत -93] 🔆 'God with form is my Mother, the Formless is my Father. 🙏ब्रह्म के सगुण और निर्गुण रूपों में 'समन्वय' 🔆🙏* प्रार्थना-रहस्य* 🙏🔆जो पीना हो , उसे जगदम्बा को निवेदित करके पीना; **शाश्वत चैतन्य (consciousness) के चार स्तर * *आशीर्वाद गुरु/नेता (C-IN-C) बिल्लाधारी व्यक्ति नहीं ईश्वर ही देते हैं * * चरणामृत और पंचामृत का अन्तर * ठाकुरदेव खुद प्रार्थना करके सीखा रहे हैं --How to Pray ?**शराब की लत छुड़ाने के उपाय**‘मंत्रं साधयामि-शरीरं वा पातयामि’*(" एबार काली तोमाय खाबो। (खाबो खाबो, गो दीन दयामयी)। *आहार-शुद्धि के विषय में तंत्र का मत, वेद, पुराण के मत से भिन्न है* *मूर्तमान ज्ञान (घनीभूत चैतन्य) को नित्यसिद्ध कहते हैं * * ईश्वरकोटि और जीवकोटि ** सच्चिदानन्द और कारणानन्दमयी * God impersonal ,(अवैक्तिक ईश्वर) and personal (माँ काली )] *Open-eyed Meditation and concentration *आहार-शुद्धि के विषय वेद, पुराण से तंत्र का मत भिन्न है* *राजपूत (नेता) को चैतन्य की चारो अवस्थाओं का ज्ञान होता है * ईश्वरकोटि और जीवकोटि * अनुलोम और विलोम (negation and affirmation. नेति से इति ) ^ *मूर्तमान ज्ञान (घनीभूत चैतन्य) को नित्यसिद्ध कहते हैं * राजर्षि जनक और ब्रह्मर्षि शुकदेव **ज्ञानी तथा भक्त की अवस्था का भोजन -विचार * * चंद्रमास -पंचांग - और तन्त्रसाधना में महाष्टमी ^ के दिन का महत्व*चरणामृत और पंचामृत का अन्तर * Dogmatism is not good *साधारण ब्रह्म समाज और मूर्तिपूजकों का प्रवेश-निषेध साइनबोर्ड *ऐसा भाव अच्छा है~~'मेरा धर्म ठीक है, पर दूसरों के धर्म में सचाई है या वह गलत है, यह मेरी समझ में नहीं आता All have not the same power of digestion'*वेदों में ईश्वर को निर्गुण, सगुण दोनों कहा है*दोनों पल्ला भारी*वेतनभोगी प्रचारक-नेता (Salaried Preacher) विजय गोस्वामी के प्रति उपदेश (rda,dsrkr,pda,orsa)* प्रभावशाली हस्ती , कुत्ता , सांढ़(calm it with a gentle Voice) , शराबी से सावधान , कहना पड़ता है - क्यों चाचा कैसे हो ?* सत्संग (pda)की बड़ी आवश्यकता *The companionship of a holy man is greatly needed* आशीर्वाद ईश्वर ^ देंगे * गृहस्थाश्रम और संन्यास*गृही ब्राह्मभक्त (भावी राजर्षि) को उपदेश* [महामण्डल आन्दोलन सांसारिक (गृही-CINC ) और आध्यात्मिक (संन्यासी) आदर्शों का मिश्रण है] [महामण्डल में 'राब ' ('गुड़ का रवा'-ऋषित्व) भी है और शीरा ('गुड़रस' -राजत्व ) भी]* *गृहस्थ लोग को कामिनी -कांचन में अनासक्त होकर परिवार में रहना चाहिए* खुली आंखों से ध्यान (दृष्टा -दृश्य विवेक) और मूंदी आँखों से एकाग्रता का अभ्यास * [गीता-चण्डी के मत से शिवनाथ के भीतर ईश्वर की शक्ति है -एवं श्री केदार चट्टोपाध्याय* [God impersonal and personal — सच्चिदानन्द और करणानन्दमयी - राजर्षि और ब्रह्मर्षि!] *ईश्वरकोटि और जीवकोटि - मूर्तिमान ज्ञान है -नित्यसिद्ध **श्रीरामकृष्ण ने मुर्शिद (गुरु, मार्गदर्शक नेता) गोविन्द राय से अल्लाह मंत्र लिया*

परिच्छेद~ 93 * प्रार्थना-रहस्य* (१)  [ (26 सितंबर,1884) श्रीरामकृष्ण वचनामृत -93] 🔆🙏ब्रह्म के सगुण और निर्गुण रूपों में 'समन्वय' ...