Vivek- Jivan (Vivek-Anjan)

No idea here is an out-flow of any particular individual human brain.Every idea is borrowed from Swami Vivekananda and their linking has only one purpose:Regeneration or ushering in a new India.If use of a new coinage is allowed,it may be said:Here is an attempt to study "Applied Vivekananda" in the national context. "If you like something, leave a comment!" --Bijay Kumar Singh, Jhumritelaiya Vivekananda Yuva Mahamandal .

Thursday, June 21, 2012

' माया के आवरण में ब्रह्म ही छिपा हुआ है ' /[16] कहानियों में वेदान्त

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' बहुरुपिया- हरिया '  ओह, बच्चों का कितना बड़ा झुण्ड चला आ रहा है ! झुण्ड के झुण्ड बांध कर लड़के सब ' हरिया ' नामक बहुर...

" रस्सी में सर्प का भ्रम " [15] कहानियों में वेदान्त

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किस शक्ति के प्रभाव से मिथ्याबोध उत्पन्न होता है ? रात्रि के नौ बज रहे थे। मदन सिनेमा देखकर घर लौट रहा था। लौटने के क्रम में सिनेमा के ...

' आचार्य शंकर और माया ' /कहानियों में वेदान्त [14]

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' आचार्य शंकर और माया '  आचार्य शंकर ब्रह्मज्ञानी थे। केवल आठ वर्ष की आयु में ही समस्त शात्रों का अध्यन करके, सन्यास ग्रहण करने ...
Wednesday, June 20, 2012

' सिंह-शावक का भ्रम टूटा ! ' [13] कहानियों में वेदान्त

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' अज्ञान का शास्त्रीय नाम है माया ' ऊँचे ऊँचे पहाड़ो की गोद में समतल भूमि पर गड़रिया लोगों का बसेरा था। दिन के समय में उनकी भेंड...
Tuesday, June 19, 2012

" मदालसा "/कहानियों में वेदान्त/12/

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' माता-पिता का जीवन   उच्च आदर्श में गढ़ा होना चाहिये ' ज्ञानी जनों के मुख से निकली बातों में बहुत बल होता है। क्योंकि वे लोग ...
4 comments:
Thursday, June 14, 2012

श्रीरामकृष्ण की कुछ अनुभूतियाँ- " माँ-काली से कैसे कहूँ ?"/ कहानियों में वेदान्त/11/

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1.माँ-काली से कैसे कहूँ ? ईश्वर की ओर बढ़ने के जितने भी मुख्य मार्ग हैं, श्रीरामकृष्ण उन समस्त मार्गों से चल कर जगत के चरम सत्य तक पहु...
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